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Himanshu Kashyap

Abstract

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Himanshu Kashyap

Abstract

परिश्रम

परिश्रम

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परिश्रम की डोर से जुड़ा हुआ हूँ,                  

ना जाने कितने लोगों के तानों से घिरा हुआ हूँ,    

परिश्रम का फल ज़रूर मिलता हैं मैं इसी संदर्भ में लगा हुआ हूँ,                                                                                   आखिर परिश्रम का फल मिलेगा जरूर,   

और लोगों का मुँह बन्द होगा जरूर,   

मैं इसीलिए ही परिश्रम की डोर से जुड़ा हुआ हूँ। 


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