फरिश्ते 😇
फरिश्ते 😇
माता पिता के बारे में लिखे ऐसी मेरी औकात नही है।
खफा मत होना ये तो सिर्फ मैंने एक कोशीश की है।
हम क्या करे दुआ उनके लिये,
जिन्होने खुद दुआ में हमें माँगा है।
ये तो हमारे लिये खुदा ने भेजे फरिश्ते है।
माँ जो खुद की जान की पर्वा किऐ बिना,
नये जान को दुनिया लाती है।
पिताजी जिम्मेदारीयोंसे कभी भागते नहीं है ।
इनके होने से तो घर जन्नत सा लगता है।
इनक प्यार का मोल तो सिर्फ दो मिठे बोल होता है।
सारी ज़िन्दगी हमे वक्त पे सब जो देते आए है।
आज उनके साथ हमें कुछ वक्त गुजारना है।
माता पिता के किरदारों को कागज मे उतारना मुश्किल है।
कुछ वक्त के बाद तोहमे भी उस किरदारों में जिना है।
✍नीत ।