नया इतिहास रचना होगा
नया इतिहास रचना होगा
शिव द्वारा देखा शक्ति पूजा का स्वप्न,
किसी भी युग में अब सच ना होगा,
द्वापर की द्रोपदी हो
चाहे कलयुग की दामिनी,
नारी को ही क्यों हर युग में
अपना सम्मान तजना होगा,
कृष्ण की आशा अब छोड़ो द्रोपदी,
तुम्हे स्वयं दुर्योधन से बचना होगा,
महाभारत तो भाइयों का युद्ध था,
तुम्हें बहनों के लिए,
नया इतिहास रचना होगा ।
हम प्रति वर्ष बड़ी धूमधाम से
दशहरे का त्यौहार मनाते है,
बुराई पर अच्छाई की जीत को
विजयादशमी से दर्शाते है,
लेकिन रावण ने तो केवल
सीता माँ का हरण किया था,
ना लज्जा भंग की थी उनकी
ना ही चीर हरण किया था,
फिर क्यों हम मरे हुए रावण को
बार बार जलाते है,
उन जिंदा पापियों का क्या
जो बच्चियों से दिल बहलाते है,
इस पुरुष - प्रधान समाज में
क्यों सीता को अग्नि में तपना होगा,
कृष्ण की आशा अब छोड़ो द्रोपदी
तुम्हे स्वयं दुर्योधन से बचना होगा
महाभारत तो भाइयों का युद्ध था,
तुम्हें बहनों के लिए,
नया इतिहास रचना होगा ।
"क्यों सुरक्षित नही है नारी
घर, गलियों और बाजारों में,
क्यों दुष्कर्म की ही सुर्खियाँ
छा रही है इन अखबारों में,
गुड़ियों से खेलने वाली गुड़िया
कभी पड़ोसी का खिलौना बन गई,
देव हाथों से पूजी गई कन्या
आज राक्षसों का बिछोना बन गई
हे नारी ! तुम्हें नागिन बनके
इन लुटेरों को डसना होगा ।
कृष्ण की आशा, अब छोड़ो द्रोपदी
तुम्हें स्वयं दुर्योधन से बचना होगा ।
महाभारत तो भाइयों का युद्ध था,
तुम्हें बहनों के लिये,
नया इतिहास रचना होगा ।
जनता,सरकार,राजनेता सब
बस बहस ही करते रह जायेंगे,
मौत के दामन में सोई दामिनी के
आँसू यही कह जायेंगे,
बस करो दरिंदों दरिन्दगी की
भी एक हद होती है।
डूब मरो बेशर्मो बेशर्मी की
भी कोई सरहद होती है
अंधे धृतराष्ट्र , अँधे कानून का
कठोर हृदय टस से मस ना होगा,
कृष्ण की आशा अब छोड़ो द्रोपदी
तुम्हें स्वयं दुर्योधन से बचना होगा ।
महाभारत तो भाइयों का युद्ध था,
तुम्हें बहनों के लिए
नया इतिहास रचना होगा ।
