नारी
नारी
घर की अन्नपूर्णा है नारी
त्याग और सहनशीलता आभूषण हैं जिसके
वो मूरत है नारी
अब नहीं वह रहती चुप ,
हिम्मत से आगे बढ़ती है
दुर्गा काली
शक्ति स्वरूप है नारी ...यही है नारी
कभी पापा की परी तो दादा और नाना की लाडली
है नारी ...बस यही है नारी।
घर की अन्नपूर्णा है नारी
त्याग और सहनशीलता आभूषण हैं जिसके
वो मूरत है नारी
अब नहीं वह रहती चुप ,
हिम्मत से आगे बढ़ती है
दुर्गा काली
शक्ति स्वरूप है नारी ...यही है नारी
कभी पापा की परी तो दादा और नाना की लाडली
है नारी ...बस यही है नारी।