ANCHAL PANCHAL

Abstract

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ANCHAL PANCHAL

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नारी का अस्तित्व

नारी का अस्तित्व

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क्योंकि तू एक स्त्री है तुझे अपने वजूद के लिए लड़ना है 

जब जब तूने अपने आप को जाना है इस समाज ने

तुझे अबला नारी के नाम से ही पहचाना है 


परंतु अब तुझे किसी को साबित करने के लिए नहीं

बल्कि अपनी अलग पहचान बनाने के लिए लड़ना है 

तुझे अपनी मंजिल तक खुद ही पहुंचना है ना तो


अपनी काबिलियत पर शक करना है ना ही

अपने कर्तव्य से वंचित रहना है तू तो अंश है

भारत देश का तुझे अपने भारतीय नारी होने पर गर्व करना है 


क्योंकि तू एक स्त्री है तुझे अपने वजूद के लिए लड़ना है 

आखिर क्यों देनी है तुझे अग्निपरीक्षा क्या तू नही जानती

कैसे करनी है अपने आत्मसम्मान की रक्षा

क्यों आस लगानी है किसी से जो स्वयं ही लज्जाहीन पड़े है


चल उठ द्रोपदी तू आज की नारी है अब उठा ले

अस्त्र स्वयं ही करनी पड़ेगी अपने जिस्म की रक्षा 

कभी सोचा है तूने की जिस देश में तुझे देवी का रूप मानते हैं

उसी देश में तुझपे तेजाब फेंकते हैंं


अब तो इस समाज के ठेकेदारों को दिखाना है

मां दुर्गा बनकर या काली बनकर बढ़ रहे पापों को मिटाना है 

क्योंकि तू एक स्त्री है तुझे अपने वजूद के लिए लड़ना है।


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