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Blackbeauti Archana

Romance

4  

Blackbeauti Archana

Romance

मुझे भूलती नहीं वो रात

मुझे भूलती नहीं वो रात

12 mins
328



आँखों से निकलते हैं आँसू

जब याद आती है तेरी हर बात

तू भूल गया होगा शायद

मुझे नहीं भूलती वो रात।

वो ज़िद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओ

वो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओ

थोड़ा समय दो एक दूसरे को जानने का

क्यों बहक रहे हो थोड़ा तो सम्भल जाओ

याद है मुझे आज भीपहले कन्वेर्सेशन की पहली बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

ज़िद में तेरे दम था बड़ाऔर मेरा नियंत्रण भी कमजोर पड़ा

हार गई तेरी ज़िद के आगे, क्यूँ के मेरे दिल में भी था स्वप्नमहल खड़ा

तुझे देखकर उमड़े थे मेरे भी ज़ज्बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

डर लगता था मुझे तेरे दूर जाने का

रिश्ता बनाने के बाद उसके टूट जाने का

अभी वैसे हम सिर्फ दोस्त कहलाएंगे

गर्लफ्रेण्ड बनाने के बाद डर था तेरे बदल जाने का

छोड़ के ना जाएगा यकीन दिलाया मुझे

पूरे कस्मों वादों के साथ

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

सुना था प्यार में बहकते हैं लोग एकदूजे के साथ

बेशर्म होकर चलते हैं डाले एक दूजे के हाथों में हाथ

ऐसा दिखावे का प्यार मैं नहीं चाहती अपनी ज़िन्दगी में

मैंने साफ कह दिया था उस रात वो सारी बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

चाहत मेरी तो ये भी थीजो प्यार हो वही सुहाग भी हो

नहीं खेलना था जीएफ बीएफ एक्स का खेल

बूढ़ी भी होऊँ उसी के साथ जो प्यार हो अर्धांग भी हो

खोल दिया था मैंने तेरे सम्मुख

अपने दिल के सारे जज्बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

हर बात मेरी मानने का वादा करअपने प्यार का इजहार किया

मैंने सच माना और स्वीकार कियामैंने भी अपनी चाहत का ऐतराफ किया

शुरूआत तो अच्छी हुई और अच्छे ही थे सारे हालात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू मेरे ड्रीम ब्वाय सा थामेरे ईष्ट देव शिव सा था

दिल ने मेरे कबूल कर लिया

क्योंकि जैसा मुझे चाहिए तू वैसा था

फिर लिखा गया मेरी ज़िन्दगी काउस रात एक नया इतिहास

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने हाँ किया तेरी गर्लफ्रेण्ड बन गई

फिर हर मैसेज पर दिल की धड़कन बढ़ गई

ये पहला अहसास था मेरा गर्लफ्रेण्ड बनने का

कुछ खबर ना थी बस उड़ती चली गई

बेरंग थी शायद ज़िन्दगी इसके पहले

अभी देखे थे सारे रंग एक साथतू भूल गया होगा शायद

मुझे नहीं भूलती वो रात।

गर्लफ्रेण्ड बनी तो एक्सपेक्टेसंश भी बढ़ी

मैसेज पर नहीं अब कॉल तक बात गई

आधी रात में कॉल न कर सकती थी

जो मना किया तो गुस्सा हुआ, बात बिगड़ गई

पहली बार ब्वायफ्रेण्ड बना था

और बहुत डरावना था उसे खोने का अहसास

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

दूरी भी थी मीलों की हम में

देखी ना थी सूरत भी किसी ने

सहारा एकमात्र तस्वीरों का था

और माँग की सबसे पहले तुम्हीं ने

सोशल क्राइम का सुनकर मैंने

टालती रही पिक्चर की बाततू भूल गया होगा शाय

दमुझे नहीं भूलती वो रात।

तूने जिद की मैंने मना किया

तू ऑफ लाइन होकर मुझे डरा दिया

मुझे लगा कि पहली तकरार है

इसमें भी दिखा मुझे तेरा प्यार है

देख ना कितनी बेवकूफ थी मैं

जो मुझे फँसाती रही तेरी हर बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

गुदगुदी हुई रूठने मनाने का सोचकर

मेरा भी कोई है जिसे मैं भी मनाउँगी अब

पूछा गुस्सा हो तो तूने हाँ कियालेट से मानते हो या जल्दी, तु

म्हीं बताओ मानोगे कबतेरी हर एक बात में था

मेरे लिए एकदम नया अहसासतू भूल गया होगा भूलती वो रात।

लेट से, ऑफलाइन हो गया बोलकर

मुझे मनाना इतना आसान नहीं

मैंने तब पिक्चर्स सेन्ड कर दिया

क्या कहूँ कि मुझ सा कोई नादान नहीं

ये भी बोली, आज जो कहोगे सब करूँगी

उफ् मैंने भी की थी कैसी बकवास

तू भूल गया होगा शायद मुझे नहीं भूलती वो रात।

गलती तेरी भी नहीं थी शायद

तेरे लिए भी ये अहसास नया था

तस्वीरें मेरी देख देखकर

तेरा मन भी बहक गया था

बहका हुआ मन था और थी काली घनी गहरी रात

तू भूल गया होगा शायद मुझे नहीं भूलती वो रात।

सुन्दर हैं कँम्पलीमेंट आया

साथ में एक फरमाइश लाया

तुमने बोला जो कहूँगा करोगी

कह तो दिया बोलो, पर कुछ समझ न आया

मेरी परवाह तो थी तुमको भी

कि गुस्से की ना हो जाए कोई बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने ही इसरार किया तुमने तो कई बार इनकार किया

फिर बोला चाहिए किस मुझे

डर ने मेरी धड़कन को रफ्तार दिया

सोचा नहीं था कि तूकरेगा किस की बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

डराओ नहीं यार शब्द निकला यही उसके बाद

ऐसा कहीं होता है क्याकिस की बात पर कोई रोता है क्या

काँपने लगी थी मैं धड़कने लगा था सीना

क्या कहूँ के कैसे थे मेरे हालात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

डिलीट फॉर एवरीवन कर दिया

ए क्या हो गया, और मैंने कॉल किया

पहली बार मैंने सुनी थी तब तेरी आवाज

डर से रोने लगी, ये क्या कह दिया किया सवाल

तूने मुझे बहुत सम्भालने की कोशिश की थी

हाँ सच में बहुत अजीब थी वो रात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी आवाज मेरे कानों मेंबजते संगीत की तरह थी

और तेरी बातें मेरे लिएनई और अजीब सी थी

पहली बार कर रही थी

किसी अजनबी से ऐसी बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू किस की जिद करता रहा

मैं ना ना ना ना करती रही

हर कोशिश की कंवेंस करने कीऔर मैं अपनी जिद पर अड़ी रही

हर शय कोशिश की मुझे मनाने कीयहाँ तक ब्रेकअप की भी कर दी बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू अपना कंट्रोल खोता रहामैं कंट्रोल खोने से खुद को रोकती रही

तू खोता रहा इश्क की गहराई मेंऔर मैं खुद को खोने से रोकती रही

आसान नहीं था खुद को यूँ कंट्रोल करनाकानों के रास्ते दिल में उतरती थी

तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

लड़कियों जैसे लड़के नहीं हैं होते

कंट्रोल पावर में लड़के कमजोर हैं होते

सिंगल था अब तक, नहीं रहना चाहता अब

किस दो मुझे कंट्रोल नहीं होता अब

आसान था क्या किस करना

वैसे मोबाइल में किस कितनी बड़ी बात थी

लेकिन मेरे लिए वो भी था एक अनछुआ अहसास

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

किस सिर्फ होठों की छुअन यामोबाइल से आती कोई आवाज नहीं

किस वो लम्हां है वो अहसास हैजिसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं

भीगी थी मैं भी तेरे प्यार मेंगजब की थी तेरे प्यार की बरसात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मैं भीग के सूखी बनी रहीतू जिद करता रहा मैं जिद पर अड़ी रही

संस्कार मेरे कुछ ऐसे थेके शादी के बाद की बात पर अड़ी रही

अंजान थी मैं तब शायदकि होती है प्यार की कैसी बाततू

भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

अब समझ में आता हैकि मैं भी कितनी नादान थी

भूखे से थाली छीन लियाजो थाली मेरे पास थी

हाँ भूखा नहीं था ना मैं थी थाली

पर उसे बयान करने का और नहीं कोई अल्फा

ज़हाँ तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

पति के जैसा मुझे प्यार करो

जिद छोड़ो मेरी बात सुनोरानी बनाकर रखूँगा तुम्हें

मेरे दिल की बढ़ती रफ्तार सुनो

धधकती आग पर पानी डाल दिया

और मैंने कर दी तेरी बहन की बात

उफ् तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मैं भी ना कितनी पागल थी

भूखे को पेट काटने की सलाह दी थी

तू गुस्से से हो गया था लाल

और मेरी नइया तब डूब गई थी

फिर किस पर ही तू अड़ा रहा

मेरी सुनी ना एक भी बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

वो तेरा पागलपन जैसे पिया हो शराब

मैं डर के मारे काँपती रही जैसे तू हो कोई तूफा

तेरी हर जिद को ना करना था कितना मुश्किल 

क्या कहूँ कि मैं भी थी कितनी नादान

हर बार लगा अबकी बार हाँ कर दूँगी

अगले पल हावी हो जाते मेरे संस्कार

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

वो रात मेरे लिए कुछ ऐसी थी

कि शब्दों में कैसे बयान करूँ

तेरी बातें रेंगती थी कीड

़े मकोड़ों सी मुझ पर

और उस गिनगिनाहट का क्या बखान करूँ

शायद गलती नहीं थी मेरी भी

ज़िन्दगी में पहली बार आई थी ऐसी रात

इसलिए तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा नहीं था कि तुम्हीं मेरी पहली पसंद थे

तुमसे पहले भी बहुत पसंद किए थे

तुम पहले थे जो मेरी रूह को छुआ बाकी सब तो नज़रों तक ही सिमटे थे

सोच तक आने का मौका तो किसी को ना दिया

और दिया भी तो रूह तक पहुँची ना कभी बात

हाँ तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू जल रहा था इश्क की आग में शायद था भी तू

वासना की गोद मेंपर मैंने ऐसा प्यार कभी ना चाहा

मैंने चाहा कि हमेशा रहूँ मैं तेरी सोच में

तुझ से मिन्नतें करती रहीकि डर रही हूँ मैं,

बार बारतू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा लगता है सर फट जाएगा मेरा

बोला था तू कितनी बेचैनी सेतेरी वो तड़प याद आती है तो

तड़प उठती हूँ मैं भी बेचैनी सेबस एक बार हाँ कर देती तो

शायद अलग होते मेरे हालाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

प्यार तो मैं भी करती थी या

सिर्फ मेरा आकर्षण थाइस बात को सुन कर भी चुप रही

कैसा कठोर दिल मेरा पत्थर था

तुमको मैं प्यार ही प्यार करती

जो लौट आती फिर से वो राततू

भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

सोचा नहीं था तेरे बिना पागल हो जाउँगी

ऐसा भी होगा कि तेरे बिना रह नहीं पाउँगी

काश के जानती मैं इस बात को तो

जो छोड़ जाएगा तो कैसे मैं सह पाउँगी

मैं कितनी पगली हूँ जो समझ नहीं पाती

कि तू छोड़ दिया था मुझे उसी रात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू छोड़ दिया था फिर भी तेरे पीछे पीछे दौड़ती रही

तू नहीं मिलेगा फिर भी तुझे पाने की मन्नतें करती रही

नहीं चाहिए तेरा शरीर न तेरी धन दौलत

बस मुझे अपना बना ले मैं तड़प तड़प के मर रही

तुझे खबर नहीं और मैं कैसे तुझे बतलाऊँ

के कैसे कैसे बीत रहे हैं मेरे दिन और रात 

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

गलती तेरी नहीं, न मेरी थी

मैं अबोध एक बेचारी थीतू भी था एक पागल सा लड़का

किस्मत ही खराब हमारी थी

मैं प्रयत्न करते थक गई कि

फिर से लौटा सकूँ वो रात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

उस रात तू कितना तड़पा था

उस रात मैं कितना रोई थी

तेरा ईगो हर्ट हो गया था

और मैं रात भर ना सोई थी

बस याद आती रही तेरी बातें

मैं जागती रही पूरी रात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

रात भर जागती रही

और तुझको मैसेज करती रही

समझने की तुझको कोशिश ही न की

औ सारा दोष तेरे सर मढ़ती रही

काश के समझा होता मैंने

उस रात तेरे भी जज्बाततू

भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने नहीं समझा ठीक था अबोध थी मैं 

पर तू तो मुझे समझता थामाना की गलती मेरी ही थी

पर तू भी तो मुझसे प्यार करता था

किस के लिए ब्रेकअप कर लिया तेरा कैसा है ये इंसाफ

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

ईगो हर्ट हुआ मैं मानती हूँ

खोल दिया था खुद को मेरे सामने जानती हूँ

तेरे जज्बातों की कदर न करी मैंने

तो क्या आज भी सिर्फ तुझे ही चाहती हूँ

लौट आओ ना छोड दो गुस्सा

कभी नहीं सताउँगी करूँगी जी भर के प्यार

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी आवाज जो घोल रही थी प्रेम की मिश्री मेरे कानों में

चाहती थी तुझे बसा लूँ मैं

अपनी रूह में अपने प्राणों में

लेकिन कुछ तो था जो रोक

तेरा सच्चा रूप देख लिया मैंने साक्षात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरा रूप जो मेरे सामने आया

तू किस के लिए भी ब्रेकअप कर सकता है

जो किस कर लेती आज तुझे

आगे और भी फरमाइश कर सकता है

कुछ ऐसा जो असम्भव होता करना

और तब भी करता तू ब्रेकअप की बात

फिर भी तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

दिन पर दिन बीतने लगा

तू मुझमें मुझसे ज्यादा होने लगा

फिर एक दिन समझ आया मैं ही थी पागल

और तू मुझसे दिन पर दिन दूर होने लगा

काश के समझा होता हमने सच में ये रिश्ता और ये प्यार

अफसोस तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

मानती हूँ गलती मेरी थी

इस दुनिया में लवसव से अंजान थी

पहली बार किया था प्यार मैंने

और सादगी ही मेरी पहचान थी

पर प्यार में सादगी का क्या काम

यहाँ तो होती हैं भावनाएं और जज्बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तू मेरे बारे में सब जानता था

फिर भी मुझे तू छोड़ दिया

क्या गलती मेरी इतनी बड़ी थी

कि बीच भँवर में मुँह मोड़ लिया

क्या तेरा प्यार बस किस तक था

और किस तक ही थी इस रिश्ते की बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

उस रात जो था वो कौन था तू

फिर मिला मुझे अजनबियों की तरह

उस रात जो पागल मैं हो रही थी

अब समझी सच में ही तू है अंजनियों की तरह

मैं तड़पती रही जिस बात पर उस रात

उसमें कुछ ना बचा था अब फिलहाल

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

देख साल बीतने को आया

मैं आज भी तेरी जोगन हूँ

प्यासी ही रह गई आस मेरी

ऐसी प्यासी मैं यौवन हूँ

प्यास बुझे बस तुझसे मेरी

बस इतनी सी ही है दरख्वास्त

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

बीते साल में मैंने क्या क्या ना किया

खुद को जलील करवा के तुझसे बात किया

जो प्रियतम मेरा ड्रीम ब्वाय था

तेरे स्तित्व का भी सत्यानाश किया

आत्म सम्मान को ताख पे रख कर

बस करनी चाही हर हाल में बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

जब समझ आया कि प्यार है क्या 

तक तू मुझे छोड़कर जा चुका था

मैंने दौड़ लगाई तेरे पीछे पीछे

पर तू अपनी गन्दी छवि बना चुका था

जिसकी बाद की बाकी बातें भूल गई

बस याद रही उस रात की सारी बात

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

आज भी इंतजार है तेरे आने का

आज भी मन्नतें करती हूँ तुझे पाने का

दिल दिमाग में रहता हर क्षण

बस कोई रास्ता नहीं मिल रहातुझे वापस बुलाने का

ग़र एक बार भी तू आ जाता तो

करती जी भर के तुझसे प्यार

क्योंकि तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

बिमार कर दिया है मुझे अब तो वापस आजामानती हूँ

गलती मेरी है अब तो सब कुछ भुला जाते

री कमी मैं जान चुकी अपनी ज़िन्दगी में

यार अब तो गले से लगा जाकाश के कोई आवाज तुझ तक पहुँचे

और तू लौट के वापस आ जाय

क्योंकि तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा नहीं कि लड़कों का आकाल हो गया

ऐसा भी नहीं कि तू नूर था बाकी बेकार हो गया

ऐसा नहीं कि कोई और प्यार नहीं करेगा मुझे

ऐसा भी नहीं कि मेरा तेरे बिना जीना दुश्वार हो गया

बस इतना ही कि जो रूह तक छू लिया है तुमने

कोई और मेरी रूह तक ना जा

यहाँ तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

शिव की छाया देखी थी तुम में

और शिव ही तुमको माना है 

आज भी शिव से बस यही चाहती

कि शिव रूप में तुम्हें ही बस पाना है

देवी देवता सब पूज लिया

मत्थे भी टेके सबके द्वार

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

आज भी तेरी तस्वीर को जूम कर कर के देखती हूँ

पागल हूँ जो यूँ तड़प रहीऔर तेरे ही सपने देखती हूँ

मूवऑन करने का मुझ को भीकोई तो बता दो राज

तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी तड़प मुझे अब मार रही

कैसे बदतर हो गये मेरे हालात

तब कदर न की मैंने तेरी अब तू कुचल रहा मेरे जज्बात

जो भी सुने मेरी प्रेम कहानीकहे कैसी पगली है मेरी जात

क्या कहूँ मैं तुझसे ओ मेरे खुदा

क्यों आई मेरे जीवन में वो अंधेरी रात

आह तू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।

फिर भी चाहती हूँ कि वापस आ जाय

वो रात और तेरे वही जज्बात

समेट लूँ तुझको अपनी बाहों में

और बीतने ना दूँ कभी वो रात

हृदय परिवर्तन कर दे ऐ मालिक

और ला दे उसको मेरे पास

अब तुझे भी नहीं भूलने दूँगी 

और मुझे तो याद ही है वो रातमुझे तो याद ही है वो रात.......।



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