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Vivek Pandey

Inspirational

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Vivek Pandey

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मिलेगी मंज़िल

मिलेगी मंज़िल

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मंज़िल मिलेगी, तू चलने का सबब जारी रख।

कदमों में होगी तेरे, तू चाहत का अदब जारी रख॥

कांटों को मत गिन, फूल चुनने का करम जारी रख,

आसां तो नहीं, पर हौसलों का वज़न भारी रख।

तू मुश्किलों से लड़ने का सबब जारी रख॥


क्या हो गर चुटकियों मे हासिल हों मंज़िलें।

चाहिए गर पाने का मज़ा, तो रस्तों का सफर जारी रख॥

लोगो को मंज़िलों से मिलाने का सबब जारी रख,

तू हँसने और हँसाने का अदब जारी रख।

तू बस चलने का सबब जारी रख॥


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