महोत्सव
महोत्सव
कुछ दीप जलाये ऐसे भी जिससे हो दूर अंधेरा,
कुछ रंग खुशी के ऐसे हो जिससे हो रंगीन सवेरा।
रंगोली हो रंगो की आशाओं का दीप जले,
महके फुलवारी जीवन की रिमझिम जीवन संगीत मिले।
एक महोत्सव ऐसा भी जिसमें हो भाईचारा,
बैर हो ना अंतर्मन में, हर त्यौहार मनाए जग सारा।