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Manju Saini

Inspirational

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Manju Saini

Inspirational

शीर्षक: नजर फेर कर चले कहाँ

शीर्षक: नजर फेर कर चले कहाँ

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पापा आप यूँ नजर फेर कर चले कहाँ

क्यों छोड़ अकेला चले वहां

जब भी सोती हूँ आपकी यादों का तकिया

लगा सोती हूँ आपके ख्यालों का तकिया

सिरहाने लगाती हूँ बस यही सोच कर

पापा आप यूँ नजर फेर कर चले कहाँ

क्यों छोड़ अकेला चले वहां

ख्यालों में मेरे पापा…

नींद आती हैं न जाने कब मानो आप सहलाओगे

आकर मुझे स्वप्न में भी वही ख्याल आज भी

जीवंतता लिए दोराहे पर शायद आप आओगे स्वप्न में

सोच कि आज मिलन होगा तभी आज भी हर दम

पापा आप यूँ नजर फेर कर चले कहाँ क्यों छोड़ अकेला चले वहां ख्यालों में पापा…

बेचैनियों में राहत मिलेगी बस आप चले आना आज

नींद में मेरे पास मुझे तसल्ली देने कि

आप साथ मेरे वही पहले जैसे यही सोच आज 

नींद आती है हर वक्त आपको साथ

अपने ही पाती हूँ मानो आप साथ है

दुःख में सुख में प्रति पल मेरे तभी तो आज भी

ख्यालों में पापा…

पापा आप यूँ नजर फेर कर चले कहाँ

क्यों छोड़ अकेला चले वहां।



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