अकेले में मेला
अकेले में मेला
उदास ना हो मन समय तो बदलता रहता ही है।
वह समय तेरा था और अब तेरा नहीं है।
उम्मीद तुम्हें तब भी नहीं थी किसी से, अपने कर्तव्य किए थे तुमने सारे पूरे।
याद कर ले फिर भी सब खुश कहां थेl
रह गए थे लोगों के काफी काम फिर भी आधे अधूरे।
यह दुख मनाने का समय नहीं है
मोह में आने का समय नहीं है।
जितना भी है समय तेरे पास
छोड़ तू सबसे लगानी आस।
बैठ थोड़ी देर खुद के पास
ना कर तू खुद को उदास।
अब नहीं है जो ख्याल करते थे तेरा
अब तो वह है जिन्हें कहता था तू मेरा।
समय बदला है तो उस बदलते समय की
नज़ाकत तो पहचान ले तू।
छोड़ के साथ की आस खुद के साथ ही जीने की आदत डाल ले तू।
उदासी को छिटक कर फेंक दे वरना जीना मुश्किल हो जाएगा।
मन में रहेगी खुशी तो देख तू अब भी बहुत कुछ कर पाएगा।
कुछ भी कर बस खुद का ख्याल तू रख।
छोड़ दे तू परवाह करना दुनिया की।
खुद को खुश तो रख, देख तू पाएगा कि अकेले में भी है मेला।