मेरी आवाज
मेरी आवाज
तुम में भी एक सूरज है जो जलता हर दिन
साल नही है वो उजाला इतना बोले हर दिन
पहचानो खुद को देखकर अपना दिल
यहीं कहीं है छिपा हुआ जो जलता है
सूरज तुम में कहीं हर दिन
बन जाओ उजाला हर कोने के न रहे कहीं धूल
मिट जाय अंधियारा फैला कर उजाला
तुम में भी एक सूरज हैं जो जलता है हर दिन!
