मेरे वतन के नौजवान
मेरे वतन के नौजवान
वतन को छोड़कर,
मेरे नौजवान विदेशों में जा रहे,
जिन अंग्रेजो की गुलामी से हम आजाद हुए,
उन्हीं की गुलामी में फिर वो बंद होना चाह रहे,
कहते हैं कुछ नहीं रखा यहां पर,
वो विदेश को अच्छा बता रहे,
मेरे वतन के नौजवान विदेशों में जा रहे,
उन्हें नहीं मालूम यहां वीर शहीद
भगतसिंह जैसे देशभक्त हुए,
वो तो अंग्रेजों को अच्छा बता रहे हैं,
हमारे वीर शहीदों ने खून की
बूंद-२ बहा कर आजाद कराया है,
वो फिर गुलाम बनने विदेशों में जा रहे हैं,
मेरे नौजवान वतन को छोड़कर,
विदेशों में जा रहा है।
