मेरे पिता
मेरे पिता
जिंदगी के इस राह पर तुम हो साथ मेरे,
ना गिरने का डर है ना कोई है कोई दुःख हमारा,
समंदर की गहराइयों जैसा है ये प्यार तुम्हारा।
उंगली पकड़ कर चलना सिखाया,
अब साथ चलो तुम पकड़ कर हाथ हमारा।
पिता हो तुम मेरे मुझे नहीं और किसी की जरूरत,
पर वो आएगा और ले जायेगा,
पर ना ले पाएगा कोई जगह तुम्हारा।
बचपन से ले के अब तक हूं मैं तुम्हारी गुड़िया,
ऐसे ही साथ रहो मेरे बन के मेरी जादू की झाड़ियां।