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Prabhjot Kaur

Abstract

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Prabhjot Kaur

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मेरा सपने का भारत

मेरा सपने का भारत

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आजादी के साल हुए कई 

पर क्या हमने पाया है 


सोचा था क्या होगा लेकिन 

सामने पर कया आया है 


रामराज्य सा देश हो अपना 

बापू का था सपना 


चाचा बोले आगे बढ़ कर

 कर ले सब को अपना


 आजादी फिर छिने न अपनी। 


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