मैं मैं हूँ
मैं मैं हूँ
बहती हवा में उड़ती सी मैं
बेख़ौफ़, आज़ाद मंछली सी मैं,
कभी अग्यान, कभी समझदार सी मैं,
कभी बेबक और हरदम खुशमिजाज सी मैं,
कभी सहमी, कभी निडर सी मैं,
कभी नादान, कभी मक्कम सी मैं,
खुद को समझने वाली,
खुद से प्यार करने वाली सी मैं,
थोडी स्वतंत्र सी,
थोड़े विद्रोही सी,
थोड़े नियम तोड़ने वाले सी मैं,
कभी झल्ली, कभी पटोला (पंजाबी में) सी मैं
स्वाभिमान, प्यार, परिवार, दोस्त
और सपनों को आगे रखने वाली सी,
खुद पर बेहिसाब विश्वास रखने वाली,
अपना मनचाहा करने वाली सी मैं,
प्रियांक्षी सी मैं।