माँ
माँ
मन-स्वार्थ क चुल्हा मऽ झोंक
"रोटी छै हमरा लऽ" झूट बाजैत
भईर पेट जे हमरा खुआ कऽ तूं
भुखले सुइत जाइ छी गै
माँ ऐना कोना कै लइ छी गै।
खूब तेल मशाला दै कऽ
जे तिमन हम बनाबे छियो
तोहर हाथ कऽ सुआद हम
तखनो कनियो नइ पावै छियो
तोहर हाथक खाना कऽ
कतो नइ कुनो सानी छै
ममता सँ जै तू बुकनी देलही
करु नइ कनियो ओहो लागै छै
माँ ऐना कोना कैइ लइ छि गै।
तोहर नोर नइ आब गिरऽ दबो
गोर तोहर हम पकड़ने रहबो
बेल्लाँ छोल्ली जै भेट जतो
ओहे स छरपीटेबी तखनो
तोरा छोइड नइ आब हम जबो
आब तोरे संगे रहबो गइ माँ
तोरा नइ बिसरेबो गै।