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कवी : गणेश पवार

Abstract

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कवी : गणेश पवार

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।।माँ।।

।।माँ।।

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सबसे प्यारी मेरी माँ

उसके जैसा कौन कहां


तुझपर करूँ कुर्बान ये जान

मेरे लिये तू ही भगवान है माँ,

सबसे प्यारी मेरी माँ

उसके जैसा कौन कहां


बोलना, चलना , संभलंना

तुने ही सिखाया माँ

उंगली पकडकर 'तेरी 

दुनिया घुमाई तू ने माँ


सबसे प्यारी मेरी माँ

उसके जैसा कौन कहां


अपने हाथों से खाना खिलाया

कभी ना मुझको रुलाया

प्यार का अमृत पिलाया

संस्कारो का भंडार दिलाया


सबसे प्यारी मेरी माँ

उसके जैसा कौन कहां।



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