क्यूँ तेरी कलम खामोश है
क्यूँ तेरी कलम खामोश है
आखिर क्यूँ है तेरी कलम खामोश है
ऐ मेरी कलम आज एक अहसान कर दे,
कह न पाई जो बात वो अपनी कलम से ब्यान कर दे,
कहते हैं कलम में बहुत ताकत होती है,
कलम की ताकत भी कमाल करती है,
सबका यह हिसाब करती है,
सही हाथों में लग जाए तो इतिहास बनती है
नयी मिसाल बनती है,
गलत हाथों में लगे तो सबके लिए जंजाल बनती है,
कलम में ही ऐसी ताकत है यदि साथ दे तो मालामाल करती है,
यदि मुँह मोड़ ले तो एक पल में कंगाल भी करती है,
इस कलम की ताकत को आजतक कोई समझ न पाया,
जिस जिसने समझी वो सबसे होशियार कहलाया,
देख कलम आज इतनी बातें करके तुझसे
मैंने अपना दिल बहलाया,
ऐ कलम अब कभी रहना खामोश नहीं
आज से लिखनी है कहानी नयी।