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Madhuri Wanave

Inspirational

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Madhuri Wanave

Inspirational

कुछ मेरे मन का कुछ आपके मन का

कुछ मेरे मन का कुछ आपके मन का

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क्या समझते हो तुम सब लोग, क्या है अध्यापक में कुछ अलग बात।

यूं ही ना करते है,

 हम सबको पढ़ाने में वो दिन की रात।

यहाँ बैठे सब अध्यापक को, नमस्ते मेरा जोड़ के हाथ।

गिरते हे हम तो अध्यापक ही उठाते है,

 आगे चलने का रास्ता अध्यापक ही दिखाते है,

 होंगे कुछ ऐसे भी टीचर,

 जो सबको साथ चलते है,

 ना कभी लड़का ना, कभी लड़की, कभी ऐसा भेदभाव कराते है।

 तभी तो कल्पना चावला, गीता फोगाट,नीरज चोपडा,राकेश शर्मा,

ऐसी लड़कियां और लड़के दुनिया बदलने में हाथ लगा पाते है।

 

क्या समझते हो तुम सब लोग, क्या है अध्यापक में कुछ अलग बात।

ना पता चलता,

 ना होती सुबह ना होती रात, अगर नहीं होते अध्यापक,

 तो क्या रहती जीवन में कुछ बात,


क्या समझते हो तुम सब लोग, क्या है अध्यापक में कुछ अलग बात।

 सुबह के आते 7 बजे है,

और जाते रात के 9 बजे है,

तभी तो हमारे जिंदगी में ना कभी 12 बजे है,

जाने से पहले एक बार कहना चाहूंगी,

 की ज्ञान देने वाले गुरु को मेरा वंदन है, ज्ञान देने वाले गुरु को मेरा वंदन है

 उनके चरणों की धुल भी चंदन है


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