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Kalpana Mishra

Inspirational

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Kalpana Mishra

Inspirational

कर्तव्य

कर्तव्य

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कहते हैं कि उगता सूरज

मन में नयी आशायें लेकर आता है

पर अब तो मुझे 

डूबता हुआ सूरज

अपना सा लगता है।

 

जो उस दिन 

पापा के अस्तित्व को

पंचतत्व में विलीन होते देख

खुद भी धीरे-धीरे 

अस्त हो रहा था।


तब से अब तक 

मैं रोज़ शाम को 

नदी किनारे बैठ जाता हूँ 

उसकी अट्टहास करती लहरें 

मेरे आँसू और 

मेरे मन के गुबार को भी 

अपने संग बहा ले जातीं।


पर आज उन्हीं लहरों के बीच

एक चेहरा देखा

बहुत उदास सा

कुछ-कुछ मेरे पापा जैसा

हाँ, वह पापा ही थे

आँखों में आँसू लिए 

मानो मुझसे कह रहे थे,

 

"कब तक मेरी यादों को 

दिल से लगाकर रखोगे ?

कब तक आँसू बहाओगे ? 

जीवन, मरण तो अटल सत्य है

इसको कैसे झुठलाओगे ?


मैं तो अब अतीत हुआ

पर तेरा तो वर्तमान पड़ा है 

उठो,जाओ और कर्म करो

यूँ जीवन मत बर्बाद करो"

सच ही तो कहते हैं पापा 

जीवन और मौत तो सत्य है।

 

जो आया है,

वह निश्चित ही जायेगा

पर जो जी रहे हैं 

उनके लिए भी तो 

कुछ कर्तव्य निभाना है !


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