क्रांतिसूचक मेघ
क्रांतिसूचक मेघ
ऐ मेघ तुम बरसो घनघोर निडर
शीतलमय धरा जीवन हो
ज्वालामय भ्रष्ट भवन हो
बरसे शोले लाये क्रांति
पंखड़ियों की मिटे शांति
ऐ मेघ तुम उपद्रव ला दो
जनमानस को स्थिर बना दो
ऐ मेघ तुम बरसो घनघोर निडर
बज्रपात हो श्वेत काग पर
बरसे फूल अंकुरित जाति पर
हे मेघ अविरल धारा बरसा दो
विषयुक्त गरल को तुम ध्वस्त करा दो
ऐ मेघ तुम बरसो घनघोर निडर
याद अतीत कर सुइयां चुभती
छीन लिया जो सुखमय जीवन
क्षीण त्रस्त किया जिसनें मुझको
तुम उस पर प्रलय ला दो
हे मेघ तू वर्षा ल दो
क्रांतिसूचक ध्वनि सुना दो
ऐ मेघ तुम बरसो घनघोर निडर