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Aditi Bapat

Abstract

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Aditi Bapat

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कोशिश

कोशिश

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अभी ना मान लेना तू हार,

खुद पे तू कर थोड़ा और ऐतबार,


अभी ना तोड देना तू दम,

इतने दूर तक जो लेके आए हैं तेरे कदम,


अभी तू टूट जाना ना कहीं,

इस रात के बाद तो सुबह आनी हैं नई,


अभी ना बंद कर इस कहानी की किताब,

इसके पन्नों पे लिखने अभी बाकी है हिसाब,


के हैं मंजिले कर रही तेरा इंतजार,

हैं सपने जो चाहते हैं तेरा दीदार,


और मंजिल अगर हासिल कर भी ना सका,

होगी तुझे तसल्ली के तू हार के ना रुका,


इस मकाम तक पोहोंचना भी नहीं था आसान,

लेकिन कोशिश तो की जब तक थी जान,


शायद तू जगमगाते सितारों से ना जुडा,

पर बना तू वह पंछी जो ऊंचे आसमानों में उड़ा।


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