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Nitesh Kumar

Inspirational

4.6  

Nitesh Kumar

Inspirational

कोरोना महामारी

कोरोना महामारी

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ऐ ख़ुदा तू है कहां आकर बचा ले अपने इस संसार को,

इक तू ही है जिसपर मै करता भरोसा मिटा दे कोरोना नाम के इस मायाजाल को!


कैसी है ये महामारी जो आज फैल रही है,

हंसती खेलती जिंदगी में मौत टहल रही है,

उलटा सीधा खाने से ये बन गई वजह,

इस चाइना करके पूरे संसार को मिल रही सजा,

दुनिया वाले बोले इस बीमारी से तुम डरोना,

पर बीमारी ही ऐसी है ये साली कोरोना,

जिंदगी के पहियों को लगाम ऐसी लगा दी,

घर से खुल कर बाहर ना निकलने की सजा दी,

आज खुली हवा में दम अपना घुट रहा,

इस महामारी करके साथ अपनों का छूट रहा,

इक दूसरे से मिलने से सब घबरा रहे हैं,

कहीं आ ना जाय चपेट में सब कतरा रहे हैं।



ऐ ख़ुदा तुं है कहां आकर बचाले अपने इस संसार को,

इक तूं ही है जिसपर मै करता भरोसा मिटा दे कोरोना नाम के इस मायाजाल को,



पूरी दुनिया में चल रही है ये एक ही जंग,

पूरे के पूरे शहर हो गए है बन्द,

हर रोज बीमारों की बड़ रही थी संख्या,

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घरों में दुबक गई थी मेरे देश की जनता,

प्रधान मंत्री से गरीब सब गए थे डर,

ऐसे ये महामारी चढ़ रही थी अपने सर,

डॉक्टरो की तारीफ भी करना चाहूंगा खूब,

जो लड़ रहे थे इस बीमारी से थे भगवान का वो दूसरा रूप,

इस कोरोना ने तो बच्चे बच्चे को डरा दिया,

इंसान घरों में बन्द और जानवरो को जीने का मजा दिया,

कितना ही इस बीमारी के बारे में तुम्हे सुनाऊं,

पी. एम. ने तो महीनों लिए कंट्री कर कर दी थी लॉकडाउन,

बाहर जाने पर पुलिस वाले करते थे स्वागत,

ऑर इस बीच मैं सबके ठीक होने की करता था इबादत,

दूसरे देशों को देख के मिली थी एक ही सीख,

घर में बैठोगे तभी पाओगे इस से जीत,

दुनिया हिला के रखदी ऐसी थी चाइना की ये देन,

भारतीयों का मकसद तो था बस तोड़ना इसकी चेन।


जो मुश्किल हालातों में भी बना अपनों का सहारा,

जिसने दुनिया वालों को प्यार दिया इतना सारा

इसकी जितनी भी तारीफ करूंगा वो कम है,

क्यों कि कुछ ऐसा है भारत देश हमारा !




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