खाखी वाला भाई
खाखी वाला भाई
वो राखी वाला नहीं,
मेरा खाखी वाला भाई है।
जिसने अपनी जिम्मेदारी
क्या खूब से निभाई है।
उसे बंदूक की जरुरत नहीं,
आवाज़ ही इतनी दमदार है,
इतवार हो या त्योहार,
उनहोंने मान लिया हमें अपना परिवार।
वो राखी वाला नहीं,
मेरा खाखी वाला भाई है,
जिसने अपनी जिम्मेदारी
क्या खूब से निभाई है।
अंधेरा हो या सवेरा ,
वह पकड़ता है चोरों को,
अपनी जान पर खेलकर
वह बचाता है सबको।
इन योद्धा की कौन करता है देख-भाल
और कौन पूछता है उनका हाल-चाल?
इन योद्धाओं की करो देख भाल,
तो देश होगा अपराध मुक्त हर हाल।
वो राखी वाला नहीं,
वह मेरा खाखी वाला भाई है।
जिसने अपनी जिम्मेदारी क्या खूब से निभाई ।
