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Harshita kothari

Inspirational

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Harshita kothari

Inspirational

ज़िंदगी से जंग

ज़िंदगी से जंग

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हौसला कहीं खो सा गया है,

शायद, हिम्मत कुछ टूट सी गई है।

सफ़र मुश्किल सही,

रास्तों का अंदाज़ा नहीं।


चल पड़ी हूं, उस अंधेरी राह पे,

संग इक लौ, रौशनकरने ज़िंदगी की डगर।

बस इक यकीं है,

कांटों में खिलते फूलों सी ये ज़िंदगी है।


मुड़ के देखूं जब, 

खड़े मिले अपने सब।

जब लगा हूं अकेली,

हाथ आगे बढ़े कई, थामें उम्मीदें नई।


आज जो सुकून आया है,

कल अंधेरी रात में गुम था।

आज जो हाथ थामा है,

ज़िंदगी कुछ फ़िर मुस्कुराई है।


जब तक सांस है,

हर दिन एक नई आस है।

रफ़्तार धीमी सही, बढ़ेगी एक दिन,

ये मेरा कारवां, चल रहा है, चलता रहेगा।


आज भी सपने वहीं हैं,

आज भी चाहत वही है।

ना बिखरे मेरे अरमान है,

ना टूटा मेरा वो हौसला है।


ऐ ज़िंदगी, तू चाहे लाख कोशिशें कर ले,

गिरा दे, थका दे, हरा ले, तोड़ दे मुझे।

रोऊंगी भी, रुकूंगी भी, गिर के उठुंगी भी,

पर ये समझ जा, ना हार मानी थी, ना मानूंगी कभी।



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