हमको अपने भारत की मिटटी
हमको अपने भारत की मिटटी


हमको अपने भारत की मिटटी से अनुपम प्यार है ।
अपना तन -मन जीवन सब, इस मिट्टी का उपहार है ।।
इस मिट्टी में जन्म लिया था, दशरथ नन्दन राम ने ।
इस धरती पर गीता गाई, यदुकूल भूषण श्याम ने ।।
इस धरती के आगे मस्तक झुकता बारम्बार है ।।
इस माटी की जौहर गाथा, गाई राजस्थान ने ।
बनाया पावन गांधी के, महान बलिदान ने ।
मीरा की गीतो की इसमे छिपी हुई झंकार है ।।
इस मिट्टी की शान बड़ाई ,तुलसी सूर कबीर ने ।
अर्जुन, भीष्म, अशोक, प्रतापी, भगत सिंह से वीर ने ।
इस धरती के कण -कण में, शुभ कर्मो का संस्कार हैं ।।
कण कण मंदिर इस माटी का, कण कण में भगवान है
इस मिट्टी का तिलक करो, ये अपना हिन्दुस्तान है
इस माटी का हर सपूत, भारत का पहरेदार है ।।
हमको अपने भारत की मिटटी से अनुपम प्यार है ।।।