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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

हमे अपने अंदर की बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है

हमे अपने अंदर की बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है

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हमारे अंदर अनेक अच्छाइयां होती,

हमारे अंदर अनेक बुराइयां होती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर

से बाहर निकाल फैंकना है,

हम जैसे जैसे बड़े होते,

हमारे अंदर अछाईओ के साथ साथ

बुराइयों की संख्या भी बढ़ती जाती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर

से बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम समाज में रहकर बड़े होते तो

हमारा संपर्क अनेक लोगों से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व

बुराइयां साथ साथ सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर से

बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम स्कूलों में साथ साथ पढ़ाई करते तो

हमारा संपर्क विभिन्न प्रकार के छात्रों से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व बुराइयां

साथ साथ सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर से

बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम खेल के मैदान में होते तो

हमारा संपर्क अनेक खिलाडियों से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व बुराइयां

साथ-साथ सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने

अंदर से बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम साथ साथ नौकरी करते या कोई अन्य कार्य

करते तो हमारा संपर्क अनेक साथियों से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व बुराइयां

साथ साथ सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने

अंदर से बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम अपने जीवन में कहीं की यात्रा करते या कई

अन्य जगहों पर जाते तो हमारा संपर्क अनेक लोगो से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व बुराइयां साथ साथ सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर से बाहर निकाल फैंकना है,

जब हम बाहर जाते या विदेशो में

जाते तो हमारा संपर्क अनेक लोगो से होता,

जिनसे हमें अच्छाइयां व बुराइयां सीखने को मिलती,

हमें इन बुराइयों को अपने अंदर से बाहर निकाल फैंकना है,

हमारे अंदर अनेक अच्छाइयां होती,

हमारे अंदर अनेक बुराइयां होती,

हमें इन बुराइयों को अपने

अंदर से बाहर निकाल फैंकना है।


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