हमदर्द
हमदर्द
ना लगे कोई अपना सा
हाथ खुद का थाम ले
नम हो आलम जिंदगी का
बस खुदा का नाम ले
लगने लगे वक्त जो बैरी
उस वक्त से पैगाम ले
रख कदम गिरकर भी दर मे
बुलंदी का तू इनाम ले
जीतना ना है यहां पर
तू डरना किस अंजाम से
ये दर्द भी है दोस्त तेरा
इस दर्द का मजा सरेआम ले.