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Endia

Others

3  

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कर्ण

कर्ण

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गांडीव है क्लेश से भरा , जनक ही मेरा सूत्र है

अच्छुती है प्राक्त मे , पर मन मेरा पवित्र है.


निष्ठा का संकेत हूँ , कुंती का सुपूत मैं,

पांडवो को जो चीर दे , वो तिलस्मी विद्युत मैं.


वचन बद्ध शूरता , सृष्टी का प्रमाण हूँ ,

आंधी धरे जो तीर पे , वो सर्व शक्तिमान हूँ .



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