हिन्दी हमारी क्या?
हिन्दी हमारी क्या?
हिन्दी हमारी पहचान है।
यह हमारा अभियान है।
यह सिर्फ अभियान नहीं, हमारा अभिमान है।
यह सिर्फ भाषा नहीं, भगवान है।
यही हमारी भावना, यही हमारा भाव है।
यही हमारा भूत, यही हमारा भविष्य है।
यही हमारी आत्मा, यही हमारा अतीत है।
यही हमारा गौरव, यही हमारा गान है।
यही हमारी शान, इसी मे हमारा सम्मान है।
यही हमारी आबरु, यही आवाज है।
जय हिन्दी, जय हिंदुस्तानी।
