STORYMIRROR

Jaymin Zala

Inspirational

3  

Jaymin Zala

Inspirational

हौसला

हौसला

1 min
149

ये फैसला ना झुके ना झुके ये मेरा हौसला

डटा रहूँ मैं लक्ष्य पर जैसे जलता है कोयला

ना परवाह है नतीजे की चाहे बुरा हो या भला

हिम्मत ही मेरा शस्त्र है बारूद मेरा लालसा 

जो थका गिरा मैं लड़के बार-बार होऊंगा खड़ा

देखना निकलेगा धुआं मेरे जुनून की आग का

लिया थान अब करना मुझे बुलंद मेरा हौसला

रहूँ मैं ना रहूँ पर याद करें मुझे ये जहाँ

जिद है बस जीत की चाहे हारूं क्यू ना सौ दफा

करना है रोशन मुझे मेरे माँ-बाप का पसीना

ये फैसला ना झुके ना झुके मेरा हौसला

करेंगे याद सब मुझे क्या थी मेरी दास्ताँ

बुलंद ही बुलंद होगा जो चुना है मैंने रास्ता



Rate this content
Log in

More hindi poem from Jaymin Zala

Similar hindi poem from Inspirational