गुरु बिन गति ना पाये
गुरु बिन गति ना पाये
गुर बिन गति ना पाये इस जग में कोये।
राजा चाहे रंक सबका गुरु भला से होये।।
बिन गुरु दिक्षा प्राणी इंसान न बने कोये।
मां बाप ही हर प्राणी का पहला गुरु होये।।
स्कूल में गुरु की शिक्षा से ही फलीभूत होये।
चल रे मनवा इनके चरणों को पिये धोये धोये।।
अध्यात्मिक गुरु मोक्ष मार्ग पर सबको ढोये।
पापी धर्मी सबको तारने वाला गुरु ही होये।।
आओ जीवन में गुरु पर श्रद्धा रखें सब कोये।
बिना समर्पण गुरु पे किसी का भला न होये।।