गलवान के वीर शहीद
गलवान के वीर शहीद


भौंक दिया है छुरा पीठ में,
कायर चीनी-कुत्तों ने।
दिखा वीरता दी है फिर भी,
मेरे वीर निहत्थों ने।।
शर्म आ रही गिने न कुत्ते,
मरे वीर के हाथों से।
फिर से घुसे अगर सीमा में,
फिर कुचलेंगे लातों से।।
भारतीय वीरों का दमखम,
कभी नाप मत कम लेना।
रखती ताकत, बड़ा हौसला,
मेरी धरती की सेना।।
वीर शहीद हुए हैं अपने,
इन पर गर्व हमें भारी।
शत्- शत् नमन हमारा वीरो,
धन्य आपकी माँ प्यारी।।
लेकिन अरि से छुप-छुप करते,
घर के भेदी ही यारी।
उन पर भी है दृष्टि हमारी,
परखें उनकी गद्दारी।।
नहीं युद्ध का हमें शौक है,
शांति लगे हरदम प्यारी।
किंतु छुए जो भारत माँ को,
उसे मिटाने तैयारी।।
भारत का अभिमान तिरंगा,
वीर नहीं झुकने देंगे ।
तान खडे़ सीमा पर सीना,
कभी न अरि घुसने देंगे।।