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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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गलतफहमी

गलतफहमी

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अब तक मुझे बड़ा गुमान था 

सच कहूं तो बड़ा अभिमान था,

और आज पहली बार 

गलतफहमी का शिकार हो

चारो खाने चित्त हो गया।


मगर आपके मन में लड्डू क्यों फूट रहे हैं जनाब

बड़े बेवकूफ हो जो मुझे बेवकूफ समझ रहे हो,

अभी इतने समझदार नहीं हुए हो आप

कि मुझे पढ़ने की कूबत है तुममें।

न ही इतना बड़ा बेवकूफ हूँ

जो मुझे गलतफहमी हो जाये

या हम किसी तरह गुमराह हो जायें।


ये तो मेरी शराफत है कि मैंने

गलतफहमी के अनुरोध को स्वीकार कर 

गलतफहमी का शिकार हो गया,

गलतफहमी को खुश होने का अवसर दे दिया,

अब इतना भी नहीं समझ रहे हो कि मैंने

घर बैठे बैठे एक बड़ा पुण्य का काम कर लिया।


पर तुमको अभी भी यकीन नहीं हो रहा

मैंने तुम्हें ही गलतफहमी का शिकार बना दिया है

तुम्हें तुम्हारे ही चक्रव्यूह में

उलझाकर चकरघिन्नी बनाकर रख दिया है।


बड़े बुद्धिमान बनते थे न तुम

देख लो तुमको ही सबसे बड़ा 

बेवकूफ साबित कर दिया है,

गलतफहमी की आड़ में तुम्हारा शिकार कर लिया है


तुम्हें हाथ पैर वाला लूला लंगड़ा और

आंखों वाला अंधा बनाकर

गलतफहमी पर एहसान भी कर दिया है। 


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