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Anil kumar Mandal

Inspirational

3.5  

Anil kumar Mandal

Inspirational

एक बबंडर

एक बबंडर

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40


राजनीति मलिन हो गई , एक बबंडर आने दो, 

18सौ सतावन की घटना, एक बार दुहराने दो। 

गोरों से देश छुड़ाया हैं, काले को राह दिखाने दो, 

सत्ता मद में जो डूबे हैं, रावण सा ढह जाने दो। 

गीता का भी सार यहीं हैं, दुष्टो को मर जाने दो, 

उठो युवाओं देश संभालो, फिर एक रण छिड़ जाने दो। 

राजनीति मलिन हो गई, एक बबंडर आने दो,

इण्डिया में नैतिकता खोई, भारत मुझको बनवाने दो।

 संकट में हैं देश हमारा, जन-जन को समझाने दो। 

हलधर के घर मातम न हो, धनपति का मोह भागने दो, 

हर निर्धन का पर्ण कुटीर हो, दाल- रोटी ही खाने दो।

 धनानंद बहु सांख्यिक हो गए, एक चाणक्य जगाने

दो।

 राजनीति मलिन हो गई , एक बबंडर आने दो।

मधुशाला में भीड़ खड़ी हैं, क्षीर की नदी बहाने दो,

 विदेशी का अंत कराके, देशी राग अब गाने दो,

 पंचभूत जो मैली हो गई, साफ इसे कर जाने दो। 

पुरखों ने जो देखें थे वो, सपने मुझे सजाने दो, 

पश्चिम ने हैं देश बिगाड़ा, पूर्वी धुन मुझकों गाने दो। 

राजनीति मलिन हो गई, एक बबंडर आने दो।

अन्तक थोड़ा धीर धरो तुम, नेक काम कर जाने दो,

 हँस के आप के साथ चलूँगा, एक इतिहास बनाने दो। 

हर जनम में अपना काम यही हो, ऐसा वर पा जाने दो। 

राजनीति मलिन हो गयी, एक बबंडर आने दो।

 सन सतावन की घटना को, एक बार दुहराने दो।


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