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Pratham Sahani

Inspirational

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Pratham Sahani

Inspirational

देश

देश

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ये जो देश है मेरा,

जिसमें मैं ही नहीं जो मुझमें बसता है।

सोचता हूँ कि कह दूँ दुनिया से

कि मैं नहीं तू मेरी पहचान है।

खूबसूरत शहरों और गांव में बसती तेरी जान है

ये जो देश है मेरा।


मैंने सीखी है मानवता तुझसे

मैंने सीखा प्यार है

न धर्म से तू अछूता

न मैं अछूता

पर फिर भी बसता यहाँ अछूतों का एक संसार है

ये जो देश है मेरा।


बिखरे हैं यहाँ धार्मिक स्थलों का संसार है

जिसने सिखाया दुनिया को धार्मिक प्यार है

जहाँ नाना धर्मों का संस्कार है

जिसने

जोड़ा हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई को

ये जो देश है मेरा


फिर क्यों बदल गया तू आज इस तरह

किसने भरा तेरी फ़िज़ा में जहर इस तरह

क्यों फंस रहा तो साम्प्रदायिकता में इस तरह

क्यों कुचल रहा अपनी मानवता इस तरह

ये जो देश है मेरा।


दिख रहे हैं अब यहाँ धार्मिक उन्माद है

बढ़ रही है अब यहाँ जातीय भेदभाव है

कहाँ गया तेरा वो विकास

कहाँ गई तेरी वो स्वच्छंदता

कहाँ गई वो तेरा भाईचारा

क्या यही है वो

ये जो देश है मेरा।

क्या यही है वो

ये जो देश है मेरा।



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