चुल्हा
चुल्हा
अगर समय समय पर चुल्हे में जमी राख
नहीं हटाई गयी तो
बुझ जायेंगी ये लकडीयां और
कुछ भी नहीं पकेगा ।
ये उड़ने वाली राख आंखों में आसूंओं के
सिवा कुछ न देगी.
लेकिन इसे हटाना जरुरी है ।
लड़कियां भी उपर नीचे करनी पड़ेगी
फेफडॊ से फूंक फूंक कर फिर सुलगाना पड़ेगा
धुवां तो उठेगा ही,आंखो मे जलन होगी,
दिखाई नहीं देगा कुछ भी....
पर पुरी जिंदगी को सेंकना पड़ेगा।
वही चुल्हा,वही बर्तन,वही राख,
खुद की राख होने तक
