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Taru Shukla

Abstract

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Taru Shukla

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बरामदा

बरामदा

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हर बात पर मुझे घर

का वरांडा याद आता है 

वो कमरा सारा 

बचपन कह जाता है 

चँगे  खेलने से लेकर पढ़ाई के

ढोंग भी तो वही करे थे 


भले ही अब वो कमरा किसी

और में तब्दील हो गया है 

मगर यादों के सपनों में आज भी

सबसे पहले वो ही आता है। 


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