बिखरती पोटली
बिखरती पोटली
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रिश्तों की पोटली बिखरती जा रही है
दोस्ती, प्यार की जगह पैसे की आ रही हैं।
माँ बाप का अपमान होता है
लगता है भगवान भी जे सब देख रोता है।
हे भगवान इतनी समझ देना के रिश्तों की गांठे न छुटे
काश रिश्ते इतने गहरे हो किसी कीमत पर न टूटे।