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aakanksha shirsat

Inspirational

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aakanksha shirsat

Inspirational

भगवान ने हमारी सुन ली...

भगवान ने हमारी सुन ली...

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भागदौंड़ भरी जिन्दगी थकना मना है ऐसे ही सोचा करते थे न हम

घडी के काँटों के साथ साथ सुबह से शाम बस भागते ही रहते थे न हम

सुकून ऐसा थाही नहीं ज़िंदगी मे, क्यू आया ये कोरोना ?क्यों की

कभी सोचते थे ना की घर मे बैठना है आराम करना है नहीं चाहिए वो रोज़की भागादौंड़ी

ME TIME चाहिए फॅमिली टाइम चाहिए

जो घर बनाया है बड़ी मेहनत से उसमे बैठनेकेलिए भी हमारे पास टाइम नहीं हुआ करता था 

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली. ...


हर टाइम कुछ नया सिखने का ज़िद रहता था

बच्चों को भी टाइम नहीं दे पारे ऐसा खेद था

पति पत्नी को एक दूसरे के लिए भी टाइम नहीं मिल पाता था

बच्चोंको माँ बाप का टाइम चाहिए था

स्कूल से ,पढ़ाइसे थोड़ा छुटकारा चाहिए था

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली.


सोचते थे हमेशा ये प्रदूशन कम हो जाए रास्तों की आवाजे कम हो जाये ,भिड़ काम हो जाए

ऑफिस जाने की जल्दी ना हो स्कूल पे टाइम पे पोहचनेकी जल्दी ना हो

सोचते थे ना खाना ,पीना ,सोना बस हमारे टाइम के हिसाब चले

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली.


कितने दिन पशु पक्षियों को को केंद करके रखेंगे

जरा उनको भी खुले सड़को पर घूमने दो ना

उनको भी तो फ्रेश हवा लेने दो ना

उनको भी ए तो बस आपने ही दिन है महसूस करने दो ना

हमारी वसुंधरा को भी गग्लोबल वॉर्मिंग से उभरने दो ना

हमें ये नयी सुन्दर दुनिया देखने को मिले सोचते थे ना

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली.


हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश थी बस टाइम ही नहीं है ये खेद थी

अभी खुद के लिए इतना टाइम मिला है तो काफी कुछ नया घर पर ही बैठ के सीखो ना

कुछ आछा घर का खाना खाकर नए रेसिपीस बनाना सिख लो ना

जिंदगी जैसी भी है,है तो अपनी ही ना तो क्यू न उसे और बेह्तर कैसे बनाया जा सकता है ये सोचते थे ना

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली.

तो मानलो अब भगवान ने बस अभी हमारी सुन ली.

 


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