भारतीय सेना - आजादी की किरण
भारतीय सेना - आजादी की किरण
सेना का काम जीतना लगता है उतना आसान नहीं,
जान हथेली पर रखकर, हथियार बंध दुश्मन के सामने खड़े रहना, हर इंसान के बस की बात नही...
देश की सेवा करूं सपना वो मेरा था, पर
जो शहीद हुआ इस तिरंगे पर, मां वो बेटा तेरा था..
वार दूंगा अपने वतन पर सबकुछ ख्वाहिश ये पाली थी,
मां बाप के ख्वाहिशों को छोड़कर मैने, सिर्फ वतन की चाहत पाली थी...
मुश्किलों से लड़कर मेरी मां ने मुझे बड़ी जद्दो-जहद से पाला था,
वतन पर जो कुर्बान हुआ मां, वो तेरा बेटा बड़ा नसीबों वाला था...
कोशिशें कर लो चाहे जितना मुझे हराने की,
मैं तुम्हारी सारी कोशिशें नाकाम कर दिखा दूंगा..
बेटा हूं मैं मां भारती का, जान भी इस पर लूटा दूंगा..और
आंच अगर आई मेरी मां भारती पर, तो कसम खुदा की
मैं तुम्हारी पूरी हस्ती ही मिटा दूंगा...
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, करना मेरा काम नही
हिंदुस्तान में ना जाने कितने धर्म के वासी हैं, और
करना हो धर्म पर चर्चा अगर, तो देख लो पहले जाकर शरहद पर..
हमारे यहां हर मरने वाला भारत वासी है...
कोशिश कर लो चाहे जितना हमे गिराने की हम मां भारती के बेटे हैं,
अरे जितने तुम दस में हो उतने हम अकेले हैं..
छूकर दिखला दो हमारे वतन को अगर तुमने मां का है दूध पिया,
वादा है मेरा मैं औकात तुम्हारी दिखला दूंगा,
अरे छूना तो दूर, सिर्फ आंख उठा ली अगर
तो मां भारती की सौगंध, मैं तुम सबसे हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगवा दूंगा...
