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शिवानी कोहली

Inspirational

4.0  

शिवानी कोहली

Inspirational

“बेटी’ हूँ मैं ”

“बेटी’ हूँ मैं ”

1 min
46



रख सको तो एक निशानी हूँ मैं

न रख पाओ तो एक कहानी हूँ मैं

तेरे वंश का अस्तित्व हूँ मैं

तेरी हर पीढ़ी की रवानी हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...

 

चाँद नहीं अब सूरज हूँ मैं

उजालों का निकलता पूरब हूँ मैं

संभाल न पाओ तो ख़त्म कर देना

आ गयी तो नयी क्रांति हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...


वारिस न सही पारस हूँ मैं

वंश न सही अंश हूँ मैं

मेरे अस्तित्व पर उंगली उठाने वालो

तुम्हारे हर सवाल का पहला जवाब हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...


भार नहीं आधार हूँ मैं

संस्कृति का संस्कार हूँ मैं

लड़ जाऊं जग से अपनों के लिए 

दुर्गा नहीं उसका अवतार हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...


आसमान भी छोटा पड़ जाए

इतनी ऊंची उड़ान हूँ मैं  

काश नहीं पूरा आकाश हूँ 

भारत का गौरव और मान हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...


माँ का सम्मान हूँ 

पिता का मान हूँ मैं

प्रकृति का विचार हूँ मैं

पत्थर नहीं इंसान हूँ मैं

बेटी हूँ मैं...


धिक्कार नहीं प्यार हूँ मैं

गुहार नहीं आवाज़ हूँ मैं

योवन और श्रृंगार से बढ़कर

सृष्टि का गौरव आधार हूँ मैं

बेटी हूँ मैं।


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