STORYMIRROR

Sagar Jain

Abstract Crime Inspirational

4  

Sagar Jain

Abstract Crime Inspirational

बड़ा आशचर्य होता है

बड़ा आशचर्य होता है

1 min
564

बड़ा आशचर्य होता है जब कोई निर्भया सामने आती है....

कुछ बेखोफ दरिंदो के चक्कर मे ,किसी मासूम की जान चली जाती है...

कहते है मिल्ता है इंसाफ,देर से ही सही,देश के कानून से...

पर क्या उस न्याय से उन सब बहनो की, जिंदगी वापस मिल जाती है...


बताओ ना क्या उस न्याय से,उन परिवार के चेहरे पर,वही खुशी खिलखिलाती है...

जो कुछ बिगडे लालों की गलत सोच से, छन-भर में धूमिल हो जाती है...

क्या है न्याय से हमे हमारी निर्फ्या बाप्स मिल जाती है...

ऐसा नहीं है,,,

बदल सकता है देश,बदल सकते है हलात...

जरूरी नहीं है देश का कानून,अगर बदल जाए ये समाज...


बस ज़रूरी है इतना,की हर लड़के को भी हो,हर निर्भया के दुख का एहसास...

जरूरत तो हर मां-बाप को भी है,थोड़ा बदलने की...

अपने लडके और लड़कियों को एक समान समझने की...

दोनो के संस्कारो मैं फ़र्क ना हो एक भी विचार की...

लड़कों को भी सिखाए आदत,लड़कियों से अच्छे व्यवहार की...


अगर बदलना है हलात को,तो बदलना होगा समाज को...

और समाज में रहने वाले ,हर उस मां बाप को...

जो दायरे मैं नहीं रखते, अपने लाल की उड़ान को...

इन सभी को बदलना होगा,तभी एक निर्भया मुक्त समाज का आगाज हो...

तभी एक निर्भया मुक्त समाज का आगाज हो.....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract