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Apoorv Agrawal

Abstract

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Apoorv Agrawal

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अस्तित्व

अस्तित्व

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खुशनसीब है वो लोग,

जो अपने जुनून को पहचान पाते हैं।

क्या करना है जिंदगी में, यह जान पाते हैं

बाकी तो भेड़ चाल में, जीवन बिताते हैं

अपने अस्तित्व से ही अपना, पीछा छुड़ाते हैं।


हर रोज अपने आपको, थोड़ा और जानना है

क्या हूं मैं कौन हूं मैं, यह पहचानना है।

तेरी तरह नहीं हूं, न तेरे जैसा बनना

अपने अस्तित्व की लड़ाई, खुद से है मुझको लड़ना।


थोड़ा तो हौसला है, शिव थोड़ा और हौसला दे

खोज पाऊं उस प्रश्न का उत्तर, जो मेरे अंदर पनपा।

मिट्टी का यह शरीर, है किस लिए यह जन्मा ?


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