अनचुने रास्ते
अनचुने रास्ते
न मालूम है,
तेरे शहर का रस्ता मुझे,
हर वक्त मुझे दिखती है,
तुम्हारे दिल की ही मंझील,
रास्ता नया लगता है,
रास्ता नया लगता है मुझे।
पर यूँ ही कुछ अच्छा लगता है,
आज उमंग है,
आज कुछ नया है,
क्या हो सके वो मालूम नहीं,
पर मुझे कुछ दिखता है
वही सही लगता है आज।
आज कुछ नया लगता है,
अरमानो की पटरी पे लगे हैं,
कोई दौर चुन लिया है
शायद रास्ते में मिल जाए
मेरी अपनी मंजिल।