अद्भुत नारी
अद्भुत नारी
अबला नहीं , अब सबला है,
जग - जीवन को बदला है ,
जीवन का आधार है तू ,
लक्ष्मी , दुर्गा और शिष्टाचार है तू।
हर नर ने अब मान लिया ,
अंतरिक्ष ने भी जान लिया ,
कभी कल्पना , कभी इन्दिरा गांधी ,
शीतल हवा , कभी तूफां , आँधी।
अद्भुत नारी , अद्भुत शक्ति ,
प्रेम भाव , और पूजा -भक्ति ,
आत्म सम्मान ,और आत्म निर्भर ,
कभी शोला , कभी शीतल निर्झर।
ममता का कोई तौल नहीं ,
अमूल्य निधि ,तेरा मोल नहीं ,
आशीर्वाद है , तू जग हेतु ,
धरती से ,स्वर्ग का सेतु।
हर क्षेत्र में , तेरी जय ,
बदल हार , तू पाती "विजय"।