अभी तो मुझको लड़ना है
अभी तो मुझको लड़ना है
इस जग में जन्म लिया, कुछ करना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है ।।
समय अनुुकूल हो , या
परिस्थितियां प्रतिकूल हो।
पग - पग आगे बढ़ते रहना है ।।
विपत्तियां हो घेेर या सामने हो घने अंधेरे,
इन सबको कुचलना है।
अभी तो मुझको लड़ना है
अब खुद चुप रह कर सहते रहना है ।।
सबसे पहले मुुझे स्वयं पर नियंत्रण करना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है ।।
तुफान विकराल सामने है मेरे ,
अब इसके बीच से ही गुजरना है ।
सागर की लहरों सा उछलता हुआ चलना है।
कई समाज की कुुुरितियों को पैरों तले मसलना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है।
मदमस्त चलता हुआ अपनी लक्ष्य की ओर।
उठा जग में एक शोर , अब आत्मनिर्भर बनना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है।
दुनिया एक विस्तृत युद्ध भूमि,
सबसे बढ़कर अपनी मातृभूमि ।
इसके लिए अब मरना है।
अभी तो मुझको लड़ना है।
ईश्वर के हैं अनेेक रूप,
क्या देेेखा इनका मूल रूप ।
इनकी भक्ति में अब बहना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है ।
सुर्य , चन्द्र, ग्रह , नक्षत्र
इनसे भी बढ़कर मेरा व्रत ।
व्रत के पथ पर चलते रहना है।
अभी तो मुझको लड़ना है।
करके विभूति श्रृृंगार,
मुण्डों का धारण करके हार ।
इस समय चक्र को बदलना है ।
अभी तो मुझको लड़ना है।
परिवार, समाज को लेकर साथ,
थामे एक दूजे का हाथ,
अग्निकुण्ड सेे गुजरना है।
भय को देेकर के मात ,
चाहें दिन हो या रात
अपने कर्म को संवारना है।
अभी तो मुझको लड़ना है।
अभी तो मुझको लड़ना हैै।
