अभी बाकी हैं !
अभी बाकी हैं !
रुक जा ज़रा थोड़ी इबादत अभी बाकी हैं
माना दिल का मोहल्ला सुना पड़ा हैं
पर गैलियों की गुनगुनाहट अभी बाकी हैं
यूँ सपनों के टूट ने की आवाज़ों में
दब गई सब ग़ज़लें हैं
पर उम्मीदों की धुन अभी बाकी हैं
माना घोर उदासियों के बादल छाए हुए हैं
आकांक्षाओं के आकाश में
पर खुशियों की बारिश अभी बाकी है
यूँ हतोत्साही ना हो तू बन्दे
तेरा प्रारब्ध अभी बाकी हैं रुक जा ज़रा
थोड़ी इबादत अभी बाकी है।