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Geeta Dholwade

Abstract

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Geeta Dholwade

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अब मैंने सीख लिया

अब मैंने सीख लिया

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मुझसे कहीं दूर गई, मेरी मुस्कुराहाट को 

फिर से मैंने अपना बना लिया 

अब मैंने हँसना सीख लिया l


वही पुरानी बेकार की बातें 

बार-बार याद करना छोड़ दिया, 

अब मैंने नई यादें बनाना सीख लिया l


'लोग क्या कहेंगे', इस सोच को मैंने 

अपने दिलों-दिमाग से निकाल दिया, 

अब मैंने अपने मन की करना सीख लिया l


जो मीठी-मीठी बातें कर छुटा प्यार जताते हैं, 

उनको नज़रअंदाज करना शुरु किया,  

अब मैंने लोगों को पहचानना सीख लिया l


जो खुद कीं पर्वा छोडके 'फिक्र' करते हैं मेरी, 

उन अपनों कीं 'फिक्र' करना अपना फर्ज बना लिया, 

अब मैंने उनका ख्याल रखना सिख लिया l


उन्ही अपनों के प्यार और अपनेपन के साथ  

मैंने ख़ुशी से जीना सिख लिया, 

अब मैंने हँसना सीख लिया l


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