अब मैंने सीख लिया
अब मैंने सीख लिया
मुझसे कहीं दूर गई, मेरी मुस्कुराहाट को
फिर से मैंने अपना बना लिया
अब मैंने हँसना सीख लिया l
वही पुरानी बेकार की बातें
बार-बार याद करना छोड़ दिया,
अब मैंने नई यादें बनाना सीख लिया l
'लोग क्या कहेंगे', इस सोच को मैंने
अपने दिलों-दिमाग से निकाल दिया,
अब मैंने अपने मन की करना सीख लिया l
जो मीठी-मीठी बातें कर छुटा प्यार जताते हैं,
उनको नज़रअंदाज करना शुरु किया,
अब मैंने लोगों को पहचानना सीख लिया l
जो खुद कीं पर्वा छोडके 'फिक्र' करते हैं मेरी,
उन अपनों कीं 'फिक्र' करना अपना फर्ज बना लिया,
अब मैंने उनका ख्याल रखना सिख लिया l
उन्ही अपनों के प्यार और अपनेपन के साथ
मैंने ख़ुशी से जीना सिख लिया,
अब मैंने हँसना सीख लिया l