आओ कुछ लम्हे चुराते हैं
आओ कुछ लम्हे चुराते हैं
आ भी जाओ यारा अब और नही होता इन्तेजार हमसे,
आओ कुछ लम्हे चुराकर इस दुनिया से दूर कही छुप जाते है,
कुछ वक्त मिलकर हम तुम गुजार ले सब की नजरे बचाकर,
सपनो में साथ बिताए लम्हो को हकीकत बना लेते हैं,
वक्त से कह देंगे कि वो थम जाए और हम अपने ख्वाब जी ले एक संग,
माना दूर है पर गर चाहे तो ये लम्हे चुराले और जी लेंगे संग संग,
कोई चोर तो नही हम सच्चे प्रेमी है दुनिया से क्या डरना,
पूछेगा गर ज़माना तो सच बता देंगे हम सबको,
प्यार करना कोई गुनाह तो नही जो हम छुपाये प्यार अपना,
आओ मिलकर जी ले हम भी कुछ पल खुशी से,
वक्त गुज़रता जा रहा बेताबी बढ़ती जा रही,
इन प्यार के लम्हो को चुराकर ख्वाब अपने पूरे कर ले।